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Article 241 of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-04 13:01:50
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 241

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 241
अनुच्छेद 241 भारतीय संविधान के भाग VIII(केंद्रशासित प्रदेश) में आता है। यह केंद्रशासित प्रदेशों के लिए उच्च न्यायालय(High Courts for Union territories) से संबंधित है। यह प्रावधान संसद को केंद्रशासित प्रदेशों के लिए उच्च न्यायालय स्थापित करने या मौजूदा उच्च न्यायालयों का क्षेत्राधिकार विस्तारित करने की शक्ति देता है।
"(1) संसद, विधि द्वारा, किसी केंद्रशासित प्रदेश के लिए एक उच्च न्यायालय की स्थापना कर सकती है या यह उपबंध कर सकती है कि इस संविधान के भाग VI के अधीन स्थापित कोई उच्च न्यायालय उस केंद्रशासित प्रदेश के लिए कार्य करेगा।
(2) इस अनुच्छेद के अधीन स्थापित या निर्दिष्ट उच्च न्यायालय के संबंध में, इस संविधान का भाग VI, अध्याय V, जहाँ तक लागू हो, उसी प्रकार लागू होगा, जैसे कि वह किसी राज्य के लिए उच्च न्यायालय हो।
(3) इस अनुच्छेद में किसी बात के होते हुए भी, संसद विधि द्वारा यह उपबंध कर सकती है कि इस अनुच्छेद के अधीन स्थापित या निर्दिष्ट उच्च न्यायालय की कुछ शक्तियाँ और कार्य अन्य प्राधिकारी द्वारा प्रयोग किए जाएँ।
(4) इस अनुच्छेद में किसी बात के होते हुए भी, राष्ट्रपति, सार्वजनिक अधिसूचना द्वारा, यह निदेश दे सकता है कि इस संविधान के प्रारंभ के बाद, किसी केंद्रशासित प्रदेश में कोई न्यायालय, जो इस अनुच्छेद के अधीन उच्च न्यायालय के रूप में कार्य करता है, उस केंद्रशासित प्रदेश के लिए उच्च न्यायालय के रूप में कार्य करना बंद कर देगा।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 241 संसद को केंद्रशासित प्रदेशों के लिए उच्च न्यायालय स्थापित करने या किसी मौजूदा उच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार विस्तारित करने की शक्ति देता है। यह केंद्रशासित प्रदेशों में न्यायिक प्रशासन को सुनिश्चित करता है। इसका लक्ष्य न्याय तक पहुँच, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, और संघीय ढांचे में केंद्रशासित प्रदेशों में न्यायिक दक्षता सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान भारत सरकार अधिनियम, 1935 से आंशिक रूप से प्रेरित है, जो केंद्र द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में न्यायिक व्यवस्था को संबोधित करता था। यह स्वतंत्र भारत में केंद्रशासित प्रदेशों की विशेष प्रशासकीय और न्यायिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखता है। भारतीय संदर्भ: संविधान लागू होने पर, यह प्रावधान केंद्रशासित प्रदेशों में न्यायिक ढांचा स्थापित करने के लिए बनाया गया, क्योंकि इन क्षेत्रों में पूर्ण राज्य जैसी व्यवस्था नहीं थी। प्रासंगिकता: यह प्रावधान केंद्रशासित प्रदेशों में न्यायिक प्रशासन को केंद्र के नियंत्रण में रखता है।
अनुच्छेद 241 के प्रमुख तत्व
खंड(1): उच्च न्यायालय की स्थापना: संसद विधि द्वारा: किसी केंद्रशासित प्रदेश के लिए नया उच्च न्यायालय स्थापित कर सकती है। या किसी मौजूदा उच्च न्यायालय को केंद्रशासित प्रदेश के लिए कार्य करने हेतु निर्दिष्ट कर सकती है। उदाहरण: दिल्ली के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय 1966 में स्थापित किया गया।
खंड(2): भाग VI, अध्याय V का अनुप्रयोग: केंद्रशासित प्रदेश के लिए स्थापित या निर्दिष्ट उच्च न्यायालय पर भाग VI, अध्याय V(उच्च न्यायालयों से संबंधित प्रावधान) लागू होंगे, जैसे कि वह किसी राज्य का उच्च न्यायालय हो। उदाहरण: दिल्ली उच्च न्यायालय पर अनुच्छेद 214-231 के प्रावधान लागू होते हैं।
खंड(3): शक्तियों का हस्तांतरण: संसद विधि द्वारा उच्च न्यायालय की कुछ शक्तियों और कार्यों को अन्य प्राधिकारी को हस्तांतरित कर सकती है। उदाहरण: कुछ केंद्रशासित प्रदेशों में विशेष न्यायिक प्राधिकारी नियुक्त किए गए।
खंड(4): राष्ट्रपति की शक्ति: राष्ट्रपति अधिसूचना द्वारा किसी केंद्रशासित प्रदेश के लिए उच्च न्यायालय के रूप में कार्य करने वाले न्यायालय को हटाने का निदेश दे सकता है। उदाहरण: ऐतिहासिक रूप से इस प्रावधान का उपयोग सीमित रहा।
महत्व: न्यायिक प्रशासन: केंद्रशासित प्रदेशों में प्रभावी न्याय व्यवस्था। केंद्र की सर्वोच्चता: संसद और राष्ट्रपति का नियंत्रण। न्यायपालिका की स्वतंत्रता: उच्च न्यायालयों की स्वायत्तता। संघीय ढांचा: केंद्र और केंद्रशासित प्रदेशों में समन्वय।
प्रमुख विशेषताएँ: संसद: उच्च न्यायालय की स्थापना। राष्ट्रपति: हटाने की शक्ति। उच्च न्यायालय: भाग VI का अनुप्रयोग। न्याय: दक्षता और स्वायत्तता।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1966: दिल्ली उच्च न्यायालय की स्थापना। 2019: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में न्यायिक कार्यवाही का डिजिटल रिकॉर्ड।
चुनौतियाँ और विवाद: न्यायिक स्वायत्तता: केंद्र के हस्तक्षेप की आशंका। प्रशासकीय बोझ: उच्च न्यायालयों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी।न्यायिक समीक्षा: संसद और राष्ट्रपति के निर्णयों की वैधता पर कोर्ट की जाँच।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 239: केंद्रशासित प्रदेशों का प्रशासन। अनुच्छेद 239A: केंद्रशासित प्रदेशों में विधायिका। अनुच्छेद 231: साझा उच्च न्यायालय।
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