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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 45
jp Singh 2025-05-09 15:34:45
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 45

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 45 राज्य के नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत आता है और यह राज्य को बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का निर्देश देता है। इस अनुच्छेद को 86वें संविधान संशोधन (2002) के बाद संशोधित किया गया था, जिसने शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में शामिल किया।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 45
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 45 राज्य के नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत आता है और यह राज्य को बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का निर्देश देता है। इस अनुच्छेद को 86वें संविधान संशोधन (2002) के बाद संशोधित किया गया था, जिसने शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में शामिल किया।
मुख्य बिंदु (वर्तमान स्वरूप):
मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा:
राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जाए।
प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा:
संशोधन के बाद, अनुच्छेद 45 यह भी कहता है कि राज्य को 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए।
ऐतिहासिक संदर्भ:
मूल स्वरूप:
पहले अनुच्छेद 45 में कहा गया था कि राज्य को संविधान लागू होने के 10 वर्षों के भीतर 14 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करनी चाहिए। यह लक्ष्य पूरी तरह हासिल नहीं हुआ था।
86वाँ संशोधन (2002):
6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा को अनुच्छेद 21A के तहत मौलिक अधिकार बनाया गया।
अनुच्छेद 45 को संशोधित कर प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कार्यान्वयन:
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE), 2009:
यह अनुच्छेद 21A और 45 को लागू करने के लिए पारित किया गया, जो 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा को अनिवार्य करता है।
प्रारंभिक शिक्षा:
आंगनवाड़ी केंद्र और एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) जैसी योजनाएँ 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए शिक्षा और पोषण प्रदान करती हैं।
सरकारी योजनाएँ:
सर्व शिक्षा अभियान (SSA) और समग्र शिक्षा जैसी पहलें शिक्षा के प्रसार को बढ़ावा देती हैं।
महत्व:
यह अनुच्छेद शिक्षा को सामाजिक और आर्थिक विकास का आधार मानता है। यह बच्चों के कल्याण और भविष्य को सुनिश्चित करने में सरकार की भूमिका को रेखांकित करता है।
कानूनी स्थिति:
अनुच्छेद 45 का हिस्सा (6 से 14 वर्ष की शिक्षा) अब अनुच्छेद 21A के तहत मौलिक अधिकार है और न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय है।
प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा का हिस्सा नीति निदेशक तत्व के रूप में गैर-प्रवर्तनीय है, लेकिन यह सरकार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत है।
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