Recent Blogs

Home Hindi Preparation
Chalukya Dynasty 6th to 12th Century
jp Singh 2025-05-22 22:19:58
searchkre.com@gmail.com / 8392828781

चालुक्य वंश 6वीं से 12वीं शताब्दी

चालुक्य वंश 6वीं से 12वीं शताब्दी
चालुक्य वंश 6वीं से 12वीं शताब्दी
चालुक्य वंश दक्षिण भारत का एक प्रमुख और प्रभावशाली राजवंश था, जिसने 6वीं से 12वीं शताब्दी तक विभिन्न क्षेत्रों में शासन किया। चालुक्य वंश को मुख्य रूप से तीन शाखाओं में विभाजित किया जाता है: बादामी चालुक्य, वेंगी (पूर्वी चालुक्य), और कल्याणी चालुक्य। इन शासकों ने दक्षिण भारत की राजनीति, संस्कृति, कला, और स्थापत्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया, विशेष रूप से बादामी, ऐहोल, और पट्टदकल जैसे स्थानों में निर्मित मंदिरों के लिए। नीचे चालुक्य वंश के इतिहास, शासकों, और योगदानों को विस्तार से बताया गया है।
1. चालुक्य वंश का परिचय
उत्पत्ति: चालुक्य वंश की उत्पत्ति के बारे में कई मत हैं। कुछ इतिहासकार उन्हें कन्नड़ मूल का मानते हैं, जबकि अन्य उन्हें उत्तर भारत से दक्षिण में आए हुए क्षत्रिय मानते हैं। उनकी राजधानी बादामी (वातापी) थी, जो वर्तमान कर्नाटक में है।
काल: चालुक्य वंश ने लगभग 6वीं शताब्दी से 12वीं शताब्दी तक शासन किया।
राजचिह्न: चालुक्य वंश का प्रतीक वराह (सूअर) था, जो उनकी शक्ति और वैदिक परंपराओं से संबंध को दर्शाता है।
शाखाएँ:
बादामी चालुक्य (543-753 ई.): वातापी (बादामी) में केंद्रित, दक्षिण भारत में प्रभुत्व स्थापित किया।
वेंगी चालुक्य (पूर्वी चालुक्य) (7वीं-11वीं शताब्दी): आंध्र प्रदेश में वेंगी क्षेत्र में शासन।
कल्याणी चालुक्य (973-1200 ई.): पश्चिमी दक्कन में कल्याणी (वर्तमान बसवकल्याण, कर्नाटक) से शासन।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh searchkre.com@gmail.com 8392828781

Our Services

Scholarship Information

Add Blogging

Course Category

Add Blogs

Coaching Information

Add Blogs

Loan Offer

Add Blogging

Add Blogging

Add Blogging

Our Course

Add Blogging

Add Blogging

Hindi Preparation

English Preparation

SearchKre Course

SearchKre Services

SearchKre Course

SearchKre Scholarship

SearchKre Coaching

Loan Offer